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एक मुलाक़ात पंकज राग से…………

कुशीनगर जाने का कार्यक्रम भी अचानक बन गया….सुबह दीपक जी, स्वतंत्र जी और उनकी धर्मपत्नी के साथ चर्चा हुई कि क्यों न एक दिन कुशीनगर चला जाए………..सहमती […]

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मेरा एहसास मेरे रू ब रू………..!

रवायती ग़ज़ल लिखने में मैं खुद को बहुत असहज पाता हूँ………..रवायती ग़ज़लें इश्क, एहसास, शराब, शबाब, बेवफाई जैसे ख्यालों तक ही खुद को समेटी रहती हैं……….इधर ग़ज़लों […]

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सम्पादित–“मेरा एहसास मेरे रू ब रू……”

“ मेरा एहसास मेरे रू ब रू…….. “ लिखने और पोस्ट करने के बाद बमुश्किल सांस ले ही पायी थी कि 12-15 टिप्पणियां मिल गयीं…………! धन्यवाद सभी […]

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जियारत ख्वाजा चिश्ती साहब की दरगाह पर……!

साल की इससे बेहतर शुरुआत और क्या हो सकती थी………बरस 2010 के पहले दिन यानी 1 जनवरी को अजमेर में ख्वाज़ा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सजदा […]

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