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मैं हनुमान उपन्यास का अंश साहित्य भारती में
मैं हनुमान उपन्यास का अंश साहित्य भारती में
‘‘वो शायर जिसका नाम भूपेन हज़ारिका है, कितनी आसानी से आवाम के दिलों की आहट सुन लेता है। उन्हें आवाम का शायर कहना जायज है। जिस व्यक्ति […]
बैठा नदी के पास यही सोचता रहाकैसे बुझाऊँ प्यास यही सोचता रहा शादाब वादियों में वो सूखा हुआ दरख़्तकितना था बेलिबास यही सोचता रहा कितने लगे हैं […]