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भूपेन हज़ारिका: लोगों के दिलों की आहट सुन लेने वाले कलाकर

‘‘वो शायर जिसका नाम भूपेन हज़ारिका है, कितनी आसानी से आवाम के दिलों की आहट सुन लेता है। उन्हें आवाम का शायर कहना जायज है। जिस व्यक्ति […]

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रामराज्य की विस्तृत समीक्षा साहित्यिक पत्रिका अभिनव मीमांसा में प्रकाशित

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रामराज्य की विस्तृत समीक्षा साहित्यिक पत्रिका अभिनव मीमांसा में प्रकाशित

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सुमिरो पवन कुमार

वो साल था 2013, उन दिनों मैं बतौर स्ट्रिंगर अमर उजाला चंदौसी में कार्यरत था। चंदौसी वही जगह है जहां से हिंदी के महान ग़ज़लकार दुष्यंत कुमार […]

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मुड़ मुड़ के देखता हूं

भारत भूषण पंत

फ़िक्र को गिरहों में बांधने का लाजवाब  हुनर था भारत भूषण पंत में… आज अगर शायर भारत भूषण पंत हमारे बीच होते तो हम उनका 62 वां […]

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पंकज सुबीर का उपन्यास: जिन्हें जुर्म-ए-इश्क़ पे नाज़ था…

“तुम लोग कमजोर और डरे हुए लोग हो, इसलिए ही तुम लोगों को विचारों से डर लगता है। तुम मोम के बने हुए पुतले हो, जो विचारों […]

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