आँख का बंजर होना ठीक नहीं ……….!

images[6]ब्लॉग पर इधर जिस तरह बेहतरीन ग़ज़लें लिखी जा रही हैं वो इस बात का सीधा संकेत करती हैं कि ग़ज़ल के प्रति न केवल पढ़ने, बल्कि लिखने के प्रति अभी भी दीवानगी बनी हुयी है………खेमेबाजी ने लेखन को बहुत नुकसान पहुँचाया………..प्रतिष्ठित लेखकों का यही एक दोष रहा कि उन्होंने साहित्य सृजन को कैम्पों में बाँट दिया। हर लेखक किसी न किसी कैम्प से जुड़ने को मजबूर हुआ………..प्रकाशन के अभाव में छोटे शहरों के तमाम सृजक इस दौड़ में कहीं पीछे छूट गए…….यह तो भला हो ब्लॉग का जिसने ऐसे तमाम स्वतंत्र सोच वाले सृजकों को नया प्लेटफार्म उपलब्ध कराया…………बगैर किसी रोक टोक के अब उनको पढ़ा जा सकता है……….बहरहाल ग़ज़ल की बात करें तो इस समय ब्लॉग पर कई शानदार लेखक उभर कर आये हैं………..सबका नाम ले पाना तो मुश्किल है मगर जहाँ तक मैं ब्लॉग -विचरण करता हूँ उनमे निश्चित तौर पर गौतम राजरिशी, नीरज,लता हया,मानोसी,सतपाल, श्याम सखा, पंकज सुबीर, सर्वत जमाल, दीपक गुप्ता, रूपम, प्रवीण, योगेश भाई आदि के नाम बिना किसी संकोच के लिए जा सकते हैं……..(कुछ और भी नाम हैं बस याद नहीं आ रहे, जैसे ही याद आये तो पोस्ट सम्पादित कर लिखूंगा )………….इनको देख कर कुछ नए लोग भी (मसलन महफूज़ अली, पी सिंह…….) ग़ज़ल लेखन में सामने आ रहे हैं………..नए लेखकों का भाव अथवा व्याकरण पक्ष कमजोर हो सकता है मगर ब्लोगर बंधुओं ने बड़े खुले मन से उन सब की हौसला अफजाई की और जहाँ ज़ुरूरी हुआ वहां हलकी सी झिडकी भी दे दी (शरद, समीर, गिरिजेश, और अमरेन्द्र जी इस मामले में अव्वल हैं) ……….! कुल मिलकर एक सुखद माहौल तो क्रियेट हो चुका है……बस इसको आगे ले चलने की चुनौती हमारे सामने है…………! बहरहाल इस बीच नए साल की पहली ग़ज़ल आपको पेश करने का मन हुआ सो पेश कर रहा हूँ ……….!

यूँ तो हर पल इन्हें भिगोना ठीक नहीं !
फिर भी आँख का बंजर होना ठीक नहीं !!

दिल जो इज़ाजत दे तो हाथ मिलाओ तुम,
बेमतलब के रिश्ते ढोना ठीक नहीं !!

हर आंसू की अपनी कीमत होती है,
छोटी -छोटी बात पे रोना ठीक नहीं !!

बाशिंदे इस बस्ती के सब भोले हैं,
इन पर कोई जादू टोना ठीक नहीं !!

एहसासात में भीगी कोई नज़्म लिखो,
बेमतलब अल्फ़ाज़ पिरोना ठीक नहीं !!

बेहतर कल की आस में जीने की ख़ातिर,
अच्छे-खासे आज को खोना ठीक नहीं !!

मुख्तारी तो ऐसे भी दिख जाती है,
आँगन में बंदूकें बोना ठीक नहीं !!

दिए के जैसे रोशन तेरी आँखें हैं,
फ़स्ल-ए-आब को इनमें बोना ठीक नहीं !!

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