कुछ लतीफों को सुनते सुनाते हुए उम्र गुजरेगी हंसते हंसाते हुए अलविदा कह दिया मुस्कुराते हुए कितने गम दे गया कोई जाते हुए सारी दुनिया बदल सी […]
कुछ लतीफों को सुनते सुनाते हुए उम्र गुजरेगी हंसते हंसाते हुए अलविदा कह दिया मुस्कुराते हुए कितने गम दे गया कोई जाते हुए सारी दुनिया बदल सी […]
उतरा है ख़ुदसरी पे वो कच्चा मकान अब लाजिम़ है बारिशों का मियां इम्तिहान अब मुश्किल सफर है कोई नहीं सायबान अब है धूप रास्तों पे बहुत […]
लफ्ज़ पत्रिका ग़ज़लों को प्रकाशित करने वाली त्रैमासिक पत्रिका है। ये पत्रिका दिल्ली से प्रकशित होती है । इसके सम्पादक तुफैल चतुर्वेदी हैं जो मेरे मित्र भी […]
दिलों का रिश्ता कुछ इस तरह निभाया जाए, अजनबी शहर में नया दोस्त बनाया जाए। वो नही पर उसका ख्याल बिखरा है हरसू, उसके ख्याल की रौशनी […]
कल रात मसूरी में जबरदस्त बरसात हुई. हालांकि हमें यहाँ आए लगभग एक सप्ताह होने को जा रहा था लेकिन मौसम में मसूरी वाली बात नही आ […]
काफी दिनों बाद इधर ब्लॉग पर लिखने की भूख बढ़ गयी . दिल नहीं माना और फिर से लिखना शुरू किया……. व्यस्तता के बाद ब्लॉग पर लिखने […]
एक अरसे बाद मैंने दो तीन दिनों पहले अपने ब्लॉग पर अपनी नयी ग़ज़ल पोस्ट की ……..मैं जब भी ग़ज़ल लिखता हूँ तो सबसे पहले जिन लोगोंको […]
हुज़ूर फिर हाज़िर हूँ……पिछले दिनों मैं यू पी दर्शन पर था….अकेलापन नए एहसास को जगाने में हमेशा मोडरेटर की भूमिका निभाताहै……ऐसा ही कुछ मेरे साथ ओरछा में […]