Posts archive for 2014

“साँसों में लोबान जलाना आखिर क्यों “-2

एक अरसे बाद मैंने दो तीन दिनों पहले अपने ब्लॉग पर अपनी नयी ग़ज़ल पोस्ट की ……..मैं जब भी ग़ज़ल लिखता हूँ तो सबसे पहले जिन लोगोंको […]

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ओरछा के किले से………….

हुज़ूर फिर हाज़िर हूँ……पिछले दिनों मैं यू पी दर्शन पर था….अकेलापन नए एहसास को जगाने में हमेशा मोडरेटर की भूमिका निभाताहै……ऐसा ही कुछ मेरे साथ ओरछा में […]

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बस तेरा नाम ही मुकम्मल है………….

शनिवार शाम से शुरू हुए ओसियान सिने फ़ैन फ़िल्म समारोह की शुरुआत “गुलज़ार साहब को सम्मानित किये जाने के साथ “होने की खबर बहुत सुखद लगी…….इस बरस […]

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