Posts archive for November, 2014

एक मुलाक़ात पंकज राग से…………

कुशीनगर जाने का कार्यक्रम भी अचानक बन गया….सुबह दीपक जी, स्वतंत्र जी और उनकी धर्मपत्नी के साथ चर्चा हुई कि क्यों न एक दिन कुशीनगर चला जाए………..सहमती […]

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मेरा एहसास मेरे रू ब रू………..!

रवायती ग़ज़ल लिखने में मैं खुद को बहुत असहज पाता हूँ………..रवायती ग़ज़लें इश्क, एहसास, शराब, शबाब, बेवफाई जैसे ख्यालों तक ही खुद को समेटी रहती हैं……….इधर ग़ज़लों […]

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सम्पादित–“मेरा एहसास मेरे रू ब रू……”

“ मेरा एहसास मेरे रू ब रू…….. “ लिखने और पोस्ट करने के बाद बमुश्किल सांस ले ही पायी थी कि 12-15 टिप्पणियां मिल गयीं…………! धन्यवाद सभी […]

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जियारत ख्वाजा चिश्ती साहब की दरगाह पर……!

साल की इससे बेहतर शुरुआत और क्या हो सकती थी………बरस 2010 के पहले दिन यानी 1 जनवरी को अजमेर में ख्वाज़ा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सजदा […]

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संजीदा शायरी के दस्तखत- नवाज़ देवबंदी !

ऑफिस बैठा हुआ कुछ ज़ुरूरी कम निपटा रहा था…..अचानक मोबाईल बजा……उठाया- हेलो किया तो उधर से आवाज़ आई……आदाब कैसे हैं जनाब…….मैंने भी आदाब क़ुबूल कर उसी सम्मान […]

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