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रामराज्य की विस्तृत समीक्षा साहित्यिक पत्रिका अभिनव मीमांसा में प्रकाशित

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रामराज्य की विस्तृत समीक्षा साहित्यिक पत्रिका अभिनव मीमांसा में प्रकाशित

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सुमिरो पवन कुमार

वो साल था 2013, उन दिनों मैं बतौर स्ट्रिंगर अमर उजाला चंदौसी में कार्यरत था। चंदौसी वही जगह है जहां से हिंदी के महान ग़ज़लकार दुष्यंत कुमार […]

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मुड़ मुड़ के देखता हूं

भारत भूषण पंत

फ़िक्र को गिरहों में बांधने का लाजवाब  हुनर था भारत भूषण पंत में… आज अगर शायर भारत भूषण पंत हमारे बीच होते तो हम उनका 62 वां […]

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पंकज सुबीर का उपन्यास: जिन्हें जुर्म-ए-इश्क़ पे नाज़ था…

“तुम लोग कमजोर और डरे हुए लोग हो, इसलिए ही तुम लोगों को विचारों से डर लगता है। तुम मोम के बने हुए पुतले हो, जो विचारों […]

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पाक में जम्हूरियत को दबाने वाले हुक्मरानों के खिलाफ बेबाक आवाज थीं फ़हमीदा रियाज़

उर्दू अदब में नारीवाद, मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक आवाज़ को बुलंद करने वाली पाकिस्तानी शायरा और सामाजिक कार्यकर्ता फ़हमीदा रियाज़ 22 नवंबर को दुनिया को अलविदा कह गईं। […]

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आहटें

करीब पांच साल के बाद शायर पवन कुमार का नया मजमुआ ‘आहटें’ हमारे हाथ में है। 2012 में आई अपनी पहली किताब ‘वाबस्ता’ के हवाले से शायरी […]

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बेकल उत्साही

पद्मश्री से सम्मानित मशहूर कवि और शायर बेकल उत्साही का निधन हो गया है. पूर्व राज्यसभा सदस्य रहे उत्साही ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस […]

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