Currently browsing: ग़ज़लें

….दिल में कोई खलिश छुपाये हैं !

अपनी प्रशासकीय व्यस्तता के चलते इधर बहुत दिनों से न अपने प्रिय ब्लोगर्स को पढ़ पा रहा था और न ही उन्हें अपनी प्रतिक्रियाएं भेज पा रहा […]

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समंदर सामने और तिश्नगी है…….!

मित्रों अपने ब्लॉग पर एक नयी- ताज़ा ग़ज़ल पोस्ट कर रहा हूँ….! पढ़कर अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत ज़रूर कराईयेगा ….! समंदर सामने और तिश्नगी है ! अज़ब […]

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लाज़िम है बारिशों का मियां इम्तिहान अब……!

एक अरसे से ब्लॉग से गायब रहने के बाद फिर से हाज़िर हो रहा हूँ…..दरअसल गोरखपुर से आने के बाद मसूरी की ट्रेनिंग में ऐसा व्यस्त हुआ […]

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गाँवों में भी अब पहले सा अपनापन और प्यार नहीं !!

एक मुद्दत से अपनी प्रिय विधा ग़ज़ल को लेकर कोई पोस्ट नहीं लगा पाया था…… शायद इसकी एक वज़ह यह थी कि व्यस्तता बहुत रही। ग़ज़ल पोस्ट […]

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अरसे बाद ग़ज़ल कही है…… ! आप की खिदमत में हाज़िर कर रहा हूँ_____—-

किया सब उसने सुन कर अनसुना क्या वो खुद में इस क़दर था मुब्तिला क्या मैं हूँ गुज़रा हुआ सा एक लम्हा मिरे हक़ में दुआ क्या […]

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