फ़र्क़ नहीं पड़ता हम दीवानों के घर में होने से वीरानी उमड़ी पड़ती है घर के कोने कोने से अपनी इस कम-ज़र्फ़ी का एहसास कहाँ ले जाऊँ […]
वो साल था 2013, उन दिनों मैं बतौर स्ट्रिंगर अमर उजाला चंदौसी में कार्यरत था। चंदौसी वही जगह है जहां से हिंदी के महान ग़ज़लकार दुष्यंत कुमार […]
बैठा नदी के पास यही सोचता रहाकैसे बुझाऊँ प्यास यही सोचता रहा शादाब वादियों में वो सूखा हुआ दरख़्तकितना था बेलिबास यही सोचता रहा कितने लगे हैं […]
अमर उजाला काव्य, काव्य कैफ़े लाइव के माध्यम से प्रतिदिन शाम 5 बजे आप के लिए कला और साहित्य के क्षेत्र के मशहूर कलाकारों को लेकर हाज़िर होता है। […]
शायरी की आज तक न जाने कितनी परिभाषाएं दी जा चुकीं हैं और आज तक दी जा रही हैं लेकिन ये सारी परिभाषाएं जब ठीक से यह […]
साहित्य में एक नया तबका सामने आ रहा है नौकरशाह कवियों-लेखकों का. राजस्थान कैडर के आईएएस डॉ जितेंद्र सोनी द्वारा संपादित कविता परस्पर में 32 प्रशासनिक अधिकारियों […]