साहित्य और चिट्ठियों दोनों का ही संवेदनाओं से अटूट रिश्ता

लखनऊ। ज्ञान गरिमा सेवा न्यास के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के निराला सभागार में ‘उपनिधि’ पत्रिका के डाक विभाग की साहित्यिक विभूतियां विशेषांक एवं गौरीशंकर वैश्य विनम्र की बाल पुस्तक “फुर्र फुर्र” का लोकार्पण, कवि सम्मान एवं काव्य संगम समारोह का आयोजन किया गया। पत्रिका व पुस्तक का लोकार्पण उत्तर प्रदेश के पूर्व चीफ पोस्टमास्टर जनरल कौशलेन्द्र कुमार सिन्हा, वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव, समाज कल्याण विभाग के निदेशक पवन कुमार, संयुक्त आयुक्त जीएसटी पंकज के. सिंह और सम्पादक सुबोध कुमार दुबे ने किया। इस अवसर पर डाक विभाग से जुड़े साहित्यकारों और उनके परिजनों को सम्मानित भी किया गया।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश शासन में निदेशक समाज कल्याण पवन कुमार ने कहा कि डाक सेवाएँ आम जन से जुड़ी हुई हैं। पत्रों के माध्यम से न सिर्फ संवाद होता है बल्कि लोगों की कई समस्याओं का निस्तारण भी होता है। डाक विभाग की तत्परता और संवेदनशीलता के चलते सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँच रहा है। उन्होंने डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी रहे शमशुर्रहमान फारूकी की स्मृतियों को ताजा करते हुए बताया कि उन्होंने उनकी पहली पुस्तक पर आशीर्वचन स्वरूप प्राक्कथन लिखा था।