अजब गुलशन का मंजर हो गया है यहाँ हर फूल नश्तर हो गया है तरसते हैं कहीं दो बूँद को लोग कहीं हरसू समन्दर हो गया है […]
अजब गुलशन का मंजर हो गया है यहाँ हर फूल नश्तर हो गया है तरसते हैं कहीं दो बूँद को लोग कहीं हरसू समन्दर हो गया है […]
जरा सी चोट को महसूस करके टूट जाते हैं सलामत आईने रहते हैं चेहरे टूट जाते हैं पनपते हैं यहाँ रिश्ते हिजाबों एहतियातों में बहुत बेबाक होते […]
दिल में कोई खलिश छुपाये हैं यार आईना ले के आये हैं अब तो पत्थर ही उनकी किस्मत हैं जिन दरख़्तों ने फल उगाये हैं दर्द रिसते […]
तुम्हें पाने की धुन इस दिल को यूँ अक्सर सताती है बंधी मुट्ठी में जैसे कोई तितली फड़फड़ाती है चहक उठता है दिन और शाम नग्में गुनगुनाती […]
वो अक्सर मेरे सब्रो-जब्त को यूँ आजमाते हैं हवा जख़्मों को देकर फिर नमक उन पर लगाते हैं यहाँ तो हर घड़ी हर सिम्त इक हंगामा बरपा […]
जहां हमेशा समंदर ने मेहरबानी की उसी जमीन पे किल्लत है आज पानी की उदास रात की चौखट पे मुन्तजिर आँखें हमारे नाम मुहब्बत ने ये निशानी […]
बीते सप्ताह यश चोपड़ा नहीं रहे……… ! यश चोपड़ा नाम है उस शख्सियत का जिसने बीते पचास वर्षों से कहीं ज्यादा बड़े कैरियर में हिंदी सिनेमा को नए नए ट्रेंड दिए….. लोगों […]