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समन्दर सामने और तिश्नगी है

समन्दर सामने और तिश्नगी है अजब मुश्किल में मेरी ज़िन्दगी है तेरी आमद की ख़बरों का असर है फिजां में ख़ुश्बुएं हैं ताज़गी है दरो-दीवार से भी […]

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गुज़ारी ज़िन्दगी हमने भी अपनी इस क’रीने से

गुज़ारी ज़िन्दगी हमने भी अपनी इस क’रीने से पियाला सामने रखकर किया परहेज’ पीने से अजब ये दौर है लगते हैं दुश्मन दोस्तों जैसे कि लहरें भी […]

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सांसों में लोबान जलाना आखि़र क्यों

सांसों में लोबान जलाना आखि़र क्यों पल पल तेरी याद का आना आखि़र क्यों जिसको देखो वो मसरूफ’ है ख़ुद ही में रिश्तों का फिर ताना बाना […]

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