Posts archive for 2018

पाक में जम्हूरियत को दबाने वाले हुक्मरानों के खिलाफ बेबाक आवाज थीं फ़हमीदा रियाज़

उर्दू अदब में नारीवाद, मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक आवाज़ को बुलंद करने वाली पाकिस्तानी शायरा और सामाजिक कार्यकर्ता फ़हमीदा रियाज़ 22 नवंबर को दुनिया को अलविदा कह गईं। […]

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आहटें

करीब पांच साल के बाद शायर पवन कुमार का नया मजमुआ ‘आहटें’ हमारे हाथ में है। 2012 में आई अपनी पहली किताब ‘वाबस्ता’ के हवाले से शायरी […]

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