‘फार्मूला-वन’ इन इंडिया ……. रियली !!!!!

लगभग 45 दिनों की प्रतीक्षा और हैं ……………….इसके बाद हमारा देश भी खेलकी दुनियां के उन विरले राष्ट्रों में शामिल हो जाएगा जहॉं फार्मूला वन रेस आयोजितकी जाती हैं. 28-30 अक्टूबर 2011 के दौरान ग्रेटर नोएडा के गौतम बुद्ध सर्किट-फार्मूला वन ट्रैक पर यह रोमांचक आयोजन होगा………….. वैसे तो यह आयोजन पूरेदेश के लिए अद्भुत रोमांचक क्षण होगा किन्तु हम जैसे लोगों के लिए जो नोएडा-ग्रेटरनोएडा इलाके में रह रहे हैं, उनके लिए तो यह आयोजन ’इतिहास में हिस्सेदारी’ सेकमतर उपलब्धि नहीं होगी.

रफ़्तार के इस आयोजन का हमें ही नहीं दुनिया भर को इन्तिज़ार है…… इस आयोजन को लेकर उत्तेजना का हाल यह है कि बुकिंग केखुलते ही बड़ी भरी संख्या में टिकट बिक गए, जबकि टिकट की कीमत कोई कम नहीं है …….!!! टिकटों की विक्री में जिस तरह की तेजीरही है इससे जाहिर होता है कि इस खेल में भरतीयों की दिलचस्पी है. और फिर इतिहास का हिस्सा बनने की ललक किसको नहीं है……..इस अद्भुत नज़ारे को देखने के लिए टिकटों की आनलाइन खरीददारी बहुत तेजी से होना स्वाभाविक भी है.

सिर्फ जानकारी के लिए………. यह दुनिया का 19वां एशिया का आठवां और भारत का पहला एफ वन ट्रैक होगा. 320 किमी प्रति घन्टा कीस्पीड तक कार दौडने का रोमांच इस सर्किट पर 1 लाख से ज्यादा दर्शक देख सकेंगे. इस रेस का लैप टाइम 87.20 सेकेण्ड होगा. इस ट्रैकको बनाने में जिस कम्पनी का नाम है उसके कार्यकर्ता वाकई बड़े मन से काम कर रहे हैं… वे नहीं चाहते कि किसी भी तरह की कोई कमीबाकी रह जाए. फिलहाल इस फार्मूला वन ट्रैक के निर्माण में क्रोएशिया के इंजीनियर बॉरिश के नेतृत्व में लगभग 200 इंजीनियर दिन रातएक किये हुए हैं. इस फार्मूला वन ट्रैक के डिजाइनर हरमन टिल्के हैं. हरमन टिल्के इससे पूर्व मलेशिया ,चाइना, टोकियो, यूएई आदि मेंरेसिंग ट्रैक डिजायन कर चुके हैं. अब तो इस ट्रैक को अंतर्राष्ट्रीय फार्मूला वन एजेंसी से भी सर्टिफिकेट मिलने की स्थिति आ गयी है….. कुछदिनों पहले एफआईए ( फेडरेशन इंटरनेशनल डी आटोमोबाइल ) के निदेशक चार्ली वाइटिंग जब दो हफ्ते पहले इस सर्किट को देखने आये थेतो वे भी तैयारी से सन्तुष्ट थे. यह ट्रैक 5141.16 मीटर लम्बा है. 98 हैक्टेयर में निर्मित इस फार्मूला वन ट्रैक में यू तो एक लाख दर्शक बैठसकेगें ,लेकिन मुख्य स्टैण्ड की क्षमता लगभग तीस हजार है. भारत में पहली बार आयोजित होने जा रही फार्मूला वन कार रेस के लिए1700 करोड़ रुपए की लागत से बना बुद्व इंटरनेशनल सर्किट वाकई अपने आप में नयी इबारत लिखने को तैयार है…. इस ग्रां प्री के लोगो(प्रतीक चिन्ह) का अनावरण भी किया जा चुका है……. फार्मूला वन ट्रैक मुख्यकार्यकारी अध्यक्ष मनोज गौड़ इस आयोजन को यादगारबनाने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते… यूरोप और एशिया के अन्य देशों में फार्मूला वन कार रेस काफी मशहूर है लेकिन भारत में इसकाट्रैक नहीं होने के कारण हमारे देश में इस तरह का कोई आयोजन नहीं हो सका था.बताते हैं कि पिछले ढाई साल के करीब छह हजार मजदूरलगभग पाँच किलोमीटर इस बुद्व इंटरनेशनल सर्किट को बनाने को तैयार करने में लगे हुए हैं. इस ट्रैक की चौड़ाई करीब 10 से 14 मीटर है,जिसमें करीब 16 मोड़ हैं.

सरकारी भाग दौड़ करते वक्त अनायास ही मैंने भी इस सर्किट को यमुना एक्सप्रेस-वे के आस-पास से गुजरते हुए सरसरी तौर पर दूर से देखाहै……….. ऐसा लगता है कि अभी स्टेडियम , दर्शक दीर्घा ,बिल्डिंग आदि का निर्माण काफी कुछ किया जा चुका है लेकिन अभी भी कार्यजारी है शायद फिनिशिंग का काम ‘शेष है, जिसे सीमित समय में पूरा करना आयोजकों के लिए चुनौती है.

मैं खुद भी इस आयोजन को लेकर बहुत उत्साहित हूँ, नहीं जानता कि इस महंगे आयोजन को देख भी सकूंगा कि नहीं. ……….. मगर यहसच है कि गत वर्ष आयोजित कॉमनवल्थ खेलों के बाद यह भारत का यह सबसे बडा खेल आयोजन होगा. हम सब इस आयोजन के लिएअग्रिम शुभकामनाएं देते हैं कि भारत में भी विकसित देशों की तर्ज़ पर महंगे ही सही मगर रोमांचक दौड़ का नज़ारा तो देखने को मिलेगा ही……!!!

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