मेहदी साहब – अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिले…!
मोटरमिस्त्री जैसा काम भी किया मगर इस दौरान भी संगीत के प्रति उनका जुनून बरकरार रहा. उन्हें 1957 में पहली बार रेडियो पाकिस्तान के लिए गाने का मौका मिला. उन्होंने शुरुआत ठुमरी गायक के रूप में की क्योंकि उस दौर में गजल गायन में उस्ताद बरकत अली खान, बेगम अख्तर और मुख्तार बेगम का नाम चलता था.धीरे-धीरे वह गजल की ओर मुड़े.इसके बाद मेहदी हसन ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. इसके बाद वे फिल्मी गीतों की दुनिया में व गजलों के निर्विवाद बादशाह के रूप में स्थापित हो गए.
1957 से 1999 तक संगीत की दुनिया में लगातार सक्रिय रहे मेहदी हसन ने गले के कैंसर के बाद पिछले 12 सालों से गाना लगभग छोड़ दिया था. उनकी अंतिम रिकॉर्डिग 2010 में सरहदें नाम से आई थी. अहमद फ़राज़, फैज़, परवीन शाकिर, ग़ालिब की ग़ज़लों को उन्होंने इस तरह गया कि सुनते हुए यही महसूस होता है कि जैसे ग़ज़लों की रूह पर जमा परतें उखाड़ रही हों. हर लफ्ज़ को उनकी गायकी से नया उफक मिलता था. श्रोता उन्हें सुनते वक्त कहीं खो जाता था. मेहदी हसन वह शख्स थे जिन्हें हिंदुस्तान व पाकिस्तान में बराबर का सम्मान मिलता था. इन्होंने अपनी गायिकी से दोनों देशों को जोड़े रखा था. उनका निधन गजल गायिकी के उस स्तम्भ का गिरने जैसा है जो शायद कभी पुनर्स्थापित किया जा सके.
- गुलों में रंग भरे बादे नौ बहार चले
- आये कुछ अब्र कुछ शराब आये
- पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है
- तुम्हारे साथ भी तनहा हूँ
- मुहब्बत करने वाले
- रफ्ता रफ्ता
- भूली बिसरी चंद उम्मीदें
- अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिले
- मुझे तुम नज़र से गिरा तो रहे हो
- हर दर्द को ए जाँ मैं सीने में सामा लूं
- रोशन जमाल ए यार से हैं
- भूली बिसरी चाँद उम्मीदें
- गुंचा ए शौक लगा है
- रंजिश ही सही
- चरागे तूर जलाओ बड़ा अँधेरा है
- प्यार भरे दो शर्मीले नैन
- दिल ए नादान तुझे हुआ क्या है
- वो दिल नवाज़ है
- आज वो मुस्कुरा दिया
- जब आती है तेरी याद
- मैं नज़र से पी रहा हूँ
- ये मोजिज़ा भी मुहब्बत कभी
- दिल की बात लबों पे लाकर
- दुनिया किसी के प्यार में जन्नत से कम नहीं
- दायम पड़ा हुआ हूँ
- मुब्हम बात पहेली जैसी
- एक बस तू ही नहीं मुझसे खफा हो बैठा
- एक सितम और मेरी जाँ अभी जाँ बाकी है
- शोला था जल बुझा हूँ
- ज़िन्दगी में तो सभी प्यार किया करते हैं
- उसने जब मेरी तरफ प्यार से देखा होगा
- किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह
- मैं ख्याल हूँ किसी और का
- राजस्थानी लोक गीत पधारो म्हारे देश
- जब उस ज़ुल्फ़ की बात चली
- तूने ये फूल जो जुल्फों में लगा रखा है