कभी तो है कभी गोया नहीं है
कभी तो है कभी गोया नहीं है
मगर ये सच है तू खोया नहीं है
इन्हीं से अब सुकूं पाने की जिद में
किसी भी दाग को धोया नहीं है
तेरे हर नक्श को दिल से जिया है
तुझे ऐ जिन्दगी ढोया नहीं है
उगेगा ख़ौफ ही आँखों में अब तो
सिवा-ए-मौत कुछ बोया नहीं है
मुझे भी ख़्वाब होना था उसी का
मेरी किस्मत कि वो सोया नहीं है
न जाने उसको कितने गम मिले हैं
हुई मुद्दत कि वो रोया नहीं है