संपर्क

समन्दर

एक मुकम्मल किनारे की तलाश में हर रोज कितने किनारे बदलता है समन्दर तमाम नदियों को जज्“ब करने के बाद भी मासूम सा दिखता है समन्दर। शाम […]

Read more

तहरीरें

एक वादा तुमसे रोज’ कुछ लिखने का तुम्हारे बारे में, अभी भी मुस्तैदी से निभा रहा हूँ। मगर इस बार तहरीरें काग’जों पर नहीं दिल के सफ’हों […]

Read more

मसूरी

मसूरी एक निहायत खूबसूरत दोशीजा जिसके माथे पर सूरज की लाल बिन्दी है, तो तमाम तराशे हुए कुहसार उसके अल्हड़पन के गवाह हैं। मसूरी! जब सुबह चांदी […]

Read more