वो मेरा खुदा है कि नहीं…..!

उसकी बातों में कहीं मेरी अदा है कि नहीं
मैं भी देखूं कि वो मेरा खुदा है कि नहीं !!
बढ़ते ही जाते हैं उसकी यादों के सफ़र
जेह्न जाता है कहाँ दिल को पता है कि नहीं !!
जेह्न जाता है कहाँ दिल को पता है कि नहीं !!
कल उड़ाई थीं जुल्फें परीशाँ जिसने
आज भी उसकी गली में वो हवा है कि नहीं !!
आज भी उसकी गली में वो हवा है कि नहीं !!
तब तो बिखरी थी तुम्हारी ही नज़र से खुश्बू
अब भी क्या तेरी नज़र में वो नशा है कि नहीं !!
अब भी क्या तेरी नज़र में वो नशा है कि नहीं !!
उसने छोड़ा था जिस हाल में ‘गेसू’ तुझको
आज भी तीर वहीँ दिल पे लगा है कि नहीं !!
आज भी तीर वहीँ दिल पे लगा है कि नहीं !!