चुनी है राह जो काँटो भरी है डरें क्यूँ हम तुम्हारी रहबरी है हर इक शय में तुझी को सोचता हूँ तिरे जलवों की सब जादूगरी है […]
चुनी है राह जो काँटो भरी है डरें क्यूँ हम तुम्हारी रहबरी है हर इक शय में तुझी को सोचता हूँ तिरे जलवों की सब जादूगरी है […]
मैं हूँ मुश्किल में, याद करते ही दोस्त बदले हैं दिन बदलते ही हर कदम पर थी किस कदर फिसलन गिर गया मैं जरा संभलते ही फिर […]
समन्दर सामने और तिश्नगी है अजब मुश्किल में मेरी ज़िन्दगी है तेरी आमद की ख़बरों का असर है फिजां में ख़ुश्बुएं हैं ताज़गी है दरो-दीवार से भी […]
गुज़ारी ज़िन्दगी हमने भी अपनी इस करीने से पियाला सामने रखकर किया परहेज पीने से अजब ये दौर है लगते हैं दुश्मन दोस्तों जैसे कि लहरें भी […]
मिरी तन्हाई क्यों अपनी नहीं है ये गुत्थी आज तक सुलझी नहीं है बहुत हल्के से तुम दीवार छूना नमी इसकी अभी उतरी नहीं है मुआफी बख़्श […]
तेरी ख़ातिर ख़ुद को मिटा के देख लिया दिल को यूं नादान बना के देख लिया जब जब पलकें बन्द करूँ कुछ चुभता है आँखों में इक […]
आख़िर तज़ाद ज़िन्दगी में यूँ भी आ गए फूलों के साथ ख़ार से रिश्ते जो भा गए ऐसे भी दोस्त हैं कि जो मुश्किल के दौर में […]
सांसों में लोबान जलाना आखि़र क्यों पल पल तेरी याद का आना आखि़र क्यों जिसको देखो वो मसरूफ है ख़ुद ही में रिश्तों का फिर ताना बाना […]
तुमसे मिलने की आस बाकी है पास दरिया है प्यास बाकी है वो तो मिलता है अपने तेवर में मुझमें अब भी मिठास बाकी है मिल चुके […]
हर चेहरे की यह तहरीर कुछ बाजू और कुछ तकदीर पेट की ख़ातिर सारे करतब डाकू हो या कोई फकीर तुम अपनी खुद राह तलाशो आबे-रवाँ की […]