फ़िक्र को गिरहों में बांधने का लाजवाब हुनर था भारत भूषण पंत में… आज अगर शायर भारत भूषण पंत हमारे बीच होते तो हम उनका 62 वां जन्मदिन मना रहे होते, मगर हमेशा चाहा हुआ होता कहां है। पिछले नवंबर में ही वे इस दुनिया को अलविदा कह गए।...
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कल रात हम आइस क्रीम खाने निकल पड़े. खाना खाने के बाद अक्सर रात में परिवार के साथ इस तरह का लघु रतजगा हमेशा अच्छा लगता है. आइस क्रीम के बहाने बीबी – बच्चों के साथ बहस मुबाहिसें भी हो जाती हैं…दिन भर के ऑफिस के झंझटों से दूर...