रवायती ग़ज़ल लिखने में मैं खुद को बहुत असहज पाता हूँ………..रवायती ग़ज़लें इश्क, एहसास, शराब, शबाब, बेवफाई जैसे ख्यालों तक ही खुद को समेटी रहती हैं……….इधर ग़ज़लों का रूप-रंग- कलेवर बदला है, उसमें इन सारे विषयों को तो देखा ही जा सकता है साथ ही गरीबी, राजनीति, सामाजिक पहलू,...
ब्लॉग पर इधर जिस तरह बेहतरीन ग़ज़लें लिखी जा रही हैं वो इस बात का सीधा संकेत करती हैं कि ग़ज़ल के प्रति न केवल पढ़ने, बल्कि लिखने के प्रति अभी भी दीवानगी बनी हुयी है………खेमेबाजी ने लेखन को बहुत नुकसान पहुँचाया………..प्रतिष्ठित लेखकों का यही एक दोष रहा कि...
ऑफिस बैठा हुआ कुछ ज़ुरूरी कम निपटा रहा था…..अचानक मोबाईल बजा……उठाया- हेलो किया तो उधर से आवाज़ आई……आदाब कैसे हैं जनाब…….मैंने भी आदाब क़ुबूल कर उसी सम्मान के साथ आदाब किया…..आवाज़ जानी पहचानी लगी मगर मोबाईल पर अनजाना नंबर डिस्प्ले हुआ था सो इंतज़ार किया कि उधर वाले साहब...
मैंने अपनी पिछली पोस्ट जो नवाज़ देबवंदी साहब पर लिखी थी……उसे आप लोगों का प्यार मिला……शुक्रिया ! उस पोस्ट में मैंने यह ज़िक्र किया था कि जब नवाज़ साहब अपने शेरों का खजाना हम पर लुटा रहे थे तो उसे हम तीन लोग ही लूटने पर आमादा थे…एक मैं...
भाई महफूज ने अपने ब्लॉग पर मेरे बारे में एक पोस्ट लिख डाली…….उन्वान था “जज़्बा ग़र दिल में हो तो हर मुश्किल आसाँ हो जाती है… मिलिए हिंदुस्तान के एक उभरते हुए ग़ज़लकार से “। इस पोस्ट के माध्यम से उन्होंने बहुत कुछ लिख डाला मेरे बारे में………महफूज भाई...
एक अरसे बाद कल अपनी डायरी लेकर बैठ गया……….ऐसा लगा कि जैसे पुराने कुछ फूल फिर से नए रंगों में खिल गए………..चंद नज्में जो कुछेक बरस पहले लिखी थीं ……..फिर से रोशन सी हो गयीं……..जी चाहा कि इन कुछ नज्मों को क्यों न आप सबके हवाले कर दूं ……….ग़ज़लों...
इधर काफी दिन से कोई ग़ज़ल ब्लॉग पर पोस्ट नहीं की थी…….दोस्तों की तरफ से उलाहने आ रहे थे कि ग़ज़ल पोस्ट करो………………… पीसिंह, शिवम् मिश्र, सुमति, सत्यम, अमरेन्द्र, मनीष ,पंकज, विप्लवी साहब जैसे दोस्तों की बात का आदर करते हुए एक नयी ग़ज़ल पेश कर रहा हूँ………..इस उम्मीद...
बीते दिनों ब्लॉग पर वीनस केसरी ने “आइये एक शेर कहें” नमक बेहतरीन श्रृंखला शुरू की ……यह अलग बात कि यह श्रृंखला उनकी व्यक्तिगत वजहों के कारण बीच में ही गतिरोध का शिकार हो गयी, मैंने वीनस से इस बावत बात भी की, दरख्वास्त भी की कि इस शानदार...
अपनी प्रशासकीय व्यस्तता के चलते इधर बहुत दिनों से न अपने प्रिय ब्लोगर्स को पढ़ पा रहा था और न ही उन्हें अपनी प्रतिक्रियाएं भेज पा रहा था……..मगर ब्लॉग जगत पर आज विचरण किया तो पता चला कि मैं ही नहीं बहुत से ब्लोगर मित्रों ने इधर चुप्पी सी...
मित्रों अपने ब्लॉग पर एक नयी- ताज़ा ग़ज़ल पोस्ट कर रहा हूँ….! पढ़कर अपनी प्रतिक्रियाओं से अवगत ज़रूर कराईयेगा ….! समंदर सामने और तिश्नगी है ! अज़ब मुश्किल में मेरी ज़िन्दगी है !! तेरी आमद की ख़बरों का असर है, फ़िज़ा में खुशबूएं हैं,ताज़गी है !! दरो-दीवार से भी...