रामराज्य की विस्तृत समीक्षा साहित्यिक पत्रिका अभिनव मीमांसा में प्रकाशित
वो साल था 2013, उन दिनों मैं बतौर स्ट्रिंगर अमर उजाला चंदौसी में कार्यरत था। चंदौसी वही जगह है जहां से हिंदी के महान ग़ज़लकार दुष्यंत कुमार ने अपनी शिक्षा पूरी की है। उसी शहर में उन्होंने अपनी पहली ग़ज़ल कही और उसी शहर में पहली बार छात्र संपादक...
फ़िक्र को गिरहों में बांधने का लाजवाब हुनर था भारत भूषण पंत में… आज अगर शायर भारत भूषण पंत हमारे बीच होते तो हम उनका 62 वां जन्मदिन मना रहे होते, मगर हमेशा चाहा हुआ होता कहां है। पिछले नवंबर में ही वे इस दुनिया को अलविदा कह गए।...
“तुम लोग कमजोर और डरे हुए लोग हो, इसलिए ही तुम लोगों को विचारों से डर लगता है। तुम मोम के बने हुए पुतले हो, जो विचारों की आग का सामना कर ही नहीं सकते, किसी भी तरह नहीं कर सकते। मोम के सारे पुतले चाहते हैं कि सारे...
आहटें ————— अकेलेपन के बियाबाँ तवील जंगल में ये आहटें सी जो महसूस होती रहती हैं कभी ख़याल कभी दिल कभी नज़र के क़रीब समाअतों से ये मानूस होती रहती हैं ये बाज़गश्त हैं मुझमें कि हैं बजाहिर ये इन आहटों से मेरी रूह तक मचलती है ये आहटें...
उर्दू अदब में नारीवाद, मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक आवाज़ को बुलंद करने वाली पाकिस्तानी शायरा और सामाजिक कार्यकर्ता फ़हमीदा रियाज़ 22 नवंबर को दुनिया को अलविदा कह गईं। वे कहने को तो पाकिस्तानी शायरा थीं मगर हिंदुस्तान की मिट्टी से भी उनका दाना पानी मुसलसल जुड़ा रहा। मेरठ में जुलाई...
पद्मश्री से सम्मानित मशहूर कवि और शायर बेकल उत्साही का निधन हो गया है. पूर्व राज्यसभा सदस्य रहे उत्साही ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली. ब्रेन हैमरेज की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बेकल उत्साही का जन्म एक जून 1928 को हुआ...